000 01527nam a2200157Ia 4500
020 _a9780143454519
100 _aChatursen, Aacharya.
245 0 _aBagula ke pankh /
_cAacharya Chatursen.
260 _aDelhi, India :
_bPenguin Publisher,
_c2021
300 _a128p.
520 _aबेहद लोकप्रिय लेखक आचार्य चतुरसेन का उपन्यास बगुला के पंख एक ऐसे ही चरित्र की पहचान कराता है जो सत्ता का उपयोग निजी सुखों और वासना के लिए तो करता ही है, साथ ही देश और समाज के लिए संकट भी उपस्थित करता है। आज जब राजनीति और समाज में ऐसे चरित्र अक्सर दिखाई पड़ते हैं तब यह उपन्यास इस प्रवृत्ति की पहचान के कारण और भी प्रासंगिक हो जाता है। ऊपर से साफ़, शफ़्फ़ाफ़ दिखाई देते इन उजले चेहरों के नकाब उघाड़ना इस उपन्यास को महत्त्वपूर्ण बनाता है।
546 _aText in Hindi
942 _2Other
942 _cDBK
999 _c57204
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